हमारी नींद और उदासी पर बाज़ार का पहरा हमारी नींद और उदासी पर बाज़ार का पहरा
हमारी जरूरतों के साथ बाज़ार भी बढ़ता गया हमारी जरूरतों के साथ बाज़ार भी बढ़ता गया
'दक्ष' वो पुश्तैनी विरासत बताता है क्या। 'दक्ष' वो पुश्तैनी विरासत बताता है क्या।
टूट रहे थे दर्द में कहीं, तेरे प्यार ने आके संजो लिया। टूट रहे थे दर्द में कहीं, तेरे प्यार ने आके संजो लिया।
शुद्ध आत्मा से ही मिलेगा सच्चा संतोष। शुद्ध आत्मा से ही मिलेगा सच्चा संतोष।
दिल में उभरने से पहले ही कुछ समझौता कर लेते हैं। दिल में उभरने से पहले ही कुछ समझौता कर लेते हैं।